तेरी बातों से
रविवार, ८ सितम्बर २०१९
तू चहकता रहे
मेरे प्यार में सोता रहे
तेरी हर बात को में याद करूँ
सुनहरे पलों का संस्मरण करूँ ।
ना कर तु इतनी ज़िद
बना रहे मेरा हमदर्द
तेरे दर्द को में बांटू सदा
यही है मनसा सदा।
तू सदा मन में बना रहे
तेरी तस्वीर छायी रहे
तू कहे या ना कहे
जहाँ भी रहे खुश रहे।
नादान है ये दिल
पर नहीं है बुझदिल
ना खेले कोई उसके झझबात से
करे खुलकर बात अपने मन से।
तू मिले या ना मिले
पर अपनों से अपनी बात कहे
में जान जाउंगी तेरे ख्यालों से
जोजन दूर हो फिर भी तेरी बातों से।
हसमुख मेहता
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नादान है ये दिल पर नहीं है बुझदिल ना खेले कोई उसके झझबात से करे खुलकर बात अपने मन से। तू मिले या ना मिले पर अपनों से अपनी बात कहे में जान जाउंगी तेरे ख्यालों से जोजन दूर हो फिर भी तेरी बातों से। हसमुख मेहता