तेरी ही आस
गुरूवार, ८ नवम्बर २०१८
प्रभु तेरी ही हैआस
न करना मुजे निरास
मुझे नहीं आता जगत रास
में अलग से पाना कुछ कर पाता काश!
कर्म है मेरी मुड़ी
हर कोई यातनाए उस से जुडी
में हरदम उसी सोच में डूबा रहता
और अपने को निसहाय पाता
सादगी मेरा है संकल्प
क्योंकी में जानता जीवन है अल्प
थोड़े समय में जीवन सार्थक करना है
प्रभु के दर्शन भी करना है।
नहीं चाहिए मुझे जूठी शान
नहीं चाहिए मुझे खोखले सन्मान
प्रभु सिर्फ आपकी ही हो आन
आपको पाकर हो जाओ में पावन।
ना एश्वर्य की खवाइश है ना दौलत की
बस जपनी है माला प्रभु की
मुझे अन्धकार से उजाले की और ले चलो
अपनी ही दुनिया में प्रभि मुझे समा लो
हसमुख मेहता
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ना एश्वर्य की खवाइश है ना दौलत की बस जपनी है माला प्रभु की मुझे अन्धकार से उजाले की और ले चलो अपनी ही दुनिया में प्रभि मुझे समा लो हसमुख मेहता