उसके संग चलो
Wednesday, January 3,2018
1: 25 PM
उसके संग चलो
समय तो बहती धारा
ना है उसका कोई किनारा
दिन और रात ढलते जाते है
आज को कल में बदलते जाते है।
ना कोई उन्हें रोक सकता।
ना हो कोई खुलासा हो पाता
सब ने मान लिया है
समय ने सब को मना लिया है।
क्या क्या बहा ले जाती है धारा?
सूखे पत्ते और जानवर मरा
एक ही विचार धारा
किसी के लिए नहीं हैनियम न्यारा।
किसी मकाम पे जरूर ले जाएगी।
सब को अपनी अपनी जग़ह बता देगी
किसी को किनारा तो किसी को समंदर
किसी को तो समां लेती है अपने अंदर।
धारा तो धारा उसकी नहीं कोई धार
उसकी महिमा आराधार
ना कोई बच सकता उसकी मार
पर किया सब का बड़ा पार।
समय के साथ चलो तो जीत जाओगे
वरना पछताओ गे और रोओगे
समय को पिछानो और अपना रख बदलो
रखो शांति और धीरज और उसके संग चलो।
समय के साथ चलो तो जीत जाओगे वरना पछताओ गे और रोओगे समय को पिछानो और अपना रख बदलो रखो शांति और धीरज और उसके संग चलो।
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Shabana Ali Rahil Nice....thank you 1 Manage