उसकी कोख में
एक और सपूत सो गया
सब सपने अपने साथ ले गया
पर नाम बहुत ऊंचा कर गया
भारत माँ की उत्कृष्ट सेवा कर गया।
मुझे नहीं पता और कितने बलि चढ़ेंगे?
और कितनी शहादतें हम देते रहेंगे?
माँ भारती मांग रही है
कितनी माँ ओ के सुहाग मिटा रही है?
हमारे भीतर का अवलोकन आवश्यक है
सब जानते है पर मुक प्रेक्षक है
हमारे भीतर के भेदी काम ख़राब कर रहे है
हम तो एक ही हिन्दू राष्ट्र है वो सब मटियामेट कर रहे है।
हम ने धुरा ऐसे लोगों को सोंप रखी थी
वो हमारे कभी नहीं थे और उनकी नियत ख़राब थी
आज हम जो रक्त बहा रहे है
वह उसीका नतीजा है और आंसू बहा रहे है।
कोन कब जाएगा कह नहीं सकते
जाना तय है बस समय नहीं बता सकते
माँ तुझे सलाम हम तो छोड़ चले
आपने अब सोचना है वतनवाले।
बन ना रखवाला अगर हो सकेतो
पंछी बन के उड़ जाना उड़ सकोतो
माता का सदैव ऋण रहेगा
उसकी कोख में सदा आराम मिलेगा।
Aasha Sharma No automatic alt text available. Unlike · Reply · 1 · 1 min
welcome atul p soni Unlike · Reply · 1 · Just now
बन ना रखवाला अगर हो सकेतो पंछी बन के उड़ जाना उड़ सकोतो माता का सदैव ऋण रहेगा उसकी कोख में सदा आराम मिलेगा।
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welcome.................Jobelyn Dela Cruz Cuenta