वर्ना घूंसे और लात लाता है
कमी दोनों जगह थी
उसकी कुछ वजह भी थी
कहते है प्यार कहकर नहीं होता
हो जाय तो उसमे जुठ भी नहीं होता।
खूब कसमें खाते है हम
कस्मे वादे खब देते है हम
ये नहीं सोचते अमीर गरीब का मेल नहीं होता
एक पूरब है तो दुसरा पश्चिम का सोचता।
दिल के अरमान चकनाचूर होने लगते है
चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगती है
आसमान जैसे जहर उगल रहा होता है
बात बात में झगड़ा होता रहता है।
प्यार की मानो हवा निकल जाती है
तू तू में सारी रात युही निकल जाती है
सुबह की किरण का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है
'कैसे अलग हो जाना' उसका ही इंतजाम होता है।
प्यार मानो था ही नहीं
थातो खांली सपना ही
जो दूध में उफान की तरह आया
और अपने आप ही बैठ गया।
भावुक होना गलत बात नहीं
हर बात में कुर्बानी देना शहादत नहीं
हर चीज़ का एक समय होता है
प्यार इसी बीच अडिग सा परबत होता है।
नजदीकियां अपने आप बन जाती है
गलतफैमियों अँधेरे की तरह मीट जाती है
सुबह का उझाला नया पैगाम लाता है
करलो समजौता वर्ना घूंसे और लात लाता है
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नजदीकियां अपने आप बन जाती है गलतफैमियों अँधेरे की तरह मीट जाती है सुबह का उझाला नया पैगाम लाता है करलो समजौता वर्ना घूंसे और लात लाता है