यही पैगाम है
प्रेम का आँखों में छलकना
फिर उसे जताना यही मानवता का
यही मानवता श्रेष्ठ अंग है
और इसके लिए हीजंग है।
कोई दुराचारी नहीं होता
सब के अंदर प्यार है बसा होता
जो व्यहार में दिखता
हर दिशा में पहल करता
जो हरदम पशु प्राणिओ के लिए प्यार जताता
दुनिया को नयी राह दिखाता
सभी के दिलो में आशा की किरण जगाता
सब लोग उसे सराहते और कहते यही है "मानवता"
आपके दर्शन के हम अभिलाषी
जीवन है हमारा संतोषी
पर फिर भी भाव है दूसरों के प्रतिऔर रहती है जिज्ञासा
यह स्वभाव है हम में सहसा।
यदि दिल हमारा कोमल और हितैषी है
ना कभी लालसा भरा और द्वेषी है
समझो जीवन हमारा समर्पित है
हम कभी भी उसके विपरीत चीज़ के समर्थक नहीं है।
जीवन एक ही बार मिलेगा
नहीं किया अच्छा तो पछतायेगा
चिड़िया जब उड़ जाएगी तो रुदन का क्या फायदा?
कुदरत का यही पैगाम है और एक की है कायदा।
Pic: Nanda prakash aas
जीवन एक ही बार मिलेगा नहीं किया अच्छा तो पछतायेगा चिड़िया जब उड़ जाएगी तो रुदन का क्या फायदा? कुदरत का यही पैगाम है और एक की है कायदा। Pic: Nanda prakash aas
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