DineshK Pandey

DineshK Pandey Poems

ले ली जीवन ने अग्नि परीक्षा मेरी।
मैं आया था जग में बनकर
लहरों का दीवाना,
यहां कठिन था दो बूंदों से
...

इष्क़ का अदना सा मन्ज़र देखिये।
एक क़तरे में समंदर देखिये॥

मुझ पे हंसता है ज़माना आजकल,
...

बीत गयी बातों में,
रात वह खयालों की,
हाथ लगी निंदयारी जिंदगी,
आंसू था सिर्फ एक बूंद,
...

एक दिन सुनानी आयेगी
जिंदगी को बहा ले जायेगी

रेत से सोने के कण
...

DineshK Pandey Biography

B.Tech. in Agril Engg. From College of Agricultural Engineering, JNKVV, JABALPUR, MadhyaPradesh, India.)

The Best Poem Of DineshK Pandey

अग्नि परीक्षा

ले ली जीवन ने अग्नि परीक्षा मेरी।
मैं आया था जग में बनकर
लहरों का दीवाना,
यहां कठिन था दो बूंदों से
भी तो नेह लगाना
पानी का है वह अधिकारी
जो अंगार चबाए,
ले ली जीवन ने अग्नि परीक्षा मेरी
सुनते हो?
पानी का है वह अधिकारी
जो अंगार चबाए,
अंतरतम के शोलों को था
खुद मैंने दहकाया,
अनुभवहीन दिनों में मुझको
था किसने नहलाया,
भीतर की तृष्णा जब चीखी
सागर, बादल, पानी,
बाहर की दुनिया की लपटों ने घेरों
ले ली जीवन ने अग्नि परीक्षा मेरी।
काठ कोयला जल कर बनता
और कोयला राखी,
छिपा कहीं मेरी छाती में
था स्वर्गों का साखी,
दो आगों के बीच बना कर
नीड़ रहा जो गाता,
ज्वाला के दिन में, निशि में धूम्र-घनेरी।
ले ली जीवन ने अग्नि परीक्षा मेरी।
- -
-
-

DineshK Pandey Comments

DineshK Pandey Popularity

DineshK Pandey Popularity

Close
Error Success