हुई जो ख़ता है उसे माफ़ करदो
गुरु जी हमारे हमें पास करदो
गुरु जी हमारे हमें पास करदो
सुबह सुबह जागते थे जाते स्कूल
खाना पीना याद रहा बाक़ी गए भूल
बस्ते में लेके आते थाली घर से
खिचड़ी पे ध्यान था पढ़ाई डर से
आप तो क्लास कभी आते नहीं थे
पूछो तो कुछ भी बताते नहीं थे
मील के ही डील में पढ़ाया कुछ नहीं
आज मेहरबानी कुछ ख़ास करदो
गुरु जी हमारे हमें पास करदो
बाग़ में शादाबी है या सूखा है शजर
कौन पूछता है ये है किसको ख़बर
हाथ में है खैनी और मुंह में है पान
आप के लिए ही खुली चाय की दुकान
आप का ये ज्ञान रंग लाएगा ज़रूर
पास होकर बनूँगा मैं बंधुआ मज़दूर
सेवक हूँ आपका मैं आप का है राज
ख़ूब करवाया सर जी बॉडी का मसाज
आप शिक्छा का सत्तेयानास करदो
गुरु जी हमारे हमें पास करदो
आप का है साथ इतिहास रचूंगा
अंगूठा छाप आठवीं में पास करूँगा
है माले ग़नीमत को पाने की होड़
भला कौन देता पढाई पे ज़ोर
अटेंडेंस देखो सौपरसेंट है
ग़ैरहाज़िर रजिस्टर में प्रजेंट है
दाल में ना पानी थी पानी में दाल
ऐसे ही सब्ज़ी का रहता है हाल
खाने खिलाने का चरचा है आम
होटल है लगता स्कूली मुक़ाम
लिखना या पढ़ना हमें कौन सिखाता
आप मेरे साथ इन्साफ करदो
गुरु जी हमारे हमें पास करदो
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