तु ही बता रे सांवरे!
अब तु ही बता रे
कैसे मिटादूँ वो एहसास न्यारे
कैसे हटादु उस रब के सहारे
संजोकर दरिया भीगा था जिसमे
खोकर कहीं मुझको पाया था तुझमे
मैं कैसे हटादु दरिया जमीं से
मैं कैसे मिटादूँ बादल गगन से
तु ही बता रे सांवरे!
अब तु ही बता रे
चंदा बिन चांदनी होता नहीं है
सागर बिन लहरे बहता नहीं है
भंवरा बिन कलियाँ जियें भी तोह कैसे
तुझ बिन तुझमे रहा जाए तोह कैसे
अब तु ही बता रे सांवरे!
तु ही बता रे
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marvelous....one of the best...seems dedicated to lord krishna.....