हम अनजाने में अचानक आ मिले हैं, Poem by Dr. Navin Kumar Upadhyay

हम अनजाने में अचानक आ मिले हैं,

हम अनजाने में अचानक आ मिले हैं,
आपस में प्यार के फूल खिले हैं,
बचना होगा काँटों से हमेशा,
जो बहुरुपिए बन आ घुल-मिले हैं।

Thursday, January 31, 2019
Topic(s) of this poem: love
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