एक छंद।(हिंदी) Poem by Om Chawla

एक छंद।(हिंदी)

गर तू निर्मित और मैं निर्माता होता
सीने में तेरे में दिल अपना रखता
जिस पीड़ा को देख है दिल सब का दुखता
उस पीड़ा का एहसास तुझे टैब होता।

Saturday, May 16, 2020
Topic(s) of this poem: concious
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Om Chawla

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