मेरी फरयाद सुनो मेरी फरयाद सुनो
मैं भी इंसान हूँ मेरी फरयाद सुनो
आओ नज़दीक मेरे दिल की बातों को कहूँ
नहीं कोई है मेरा मेरी फरयाद सुनो
मेरी क़िस्मत ने मुझे ऐसा बर्बाद किया
ठोकरें खाता हूँ मैं जब भी फरयाद किया
मेरा भगवान भी तो रूठा मुझ से है लगे
मारा क़िस्मत का हूँ मैं मेरी फरयाद सुनो
लबों पर जान आई भूखा प्यासा हूँ मगर
सूखी रोटी ना मिली किसी धनवान के घर
ग़ुलामी कररहे हैं भरेगा पेट पापी
बहुत मजबूर हूँ मैं मेरी फरयाद सुनो
देश की शान बनूँ मैं निगहबान बनूँ
चाहता दिल है मेरा ऊँचा मैं काम करूँ
बच्चे स्कूल चले नौकरी पर मैं चला
बाल मज़दूर हूँ मैं मेरी फरयाद सुनो
: नादिर हसनैन
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