बात मन में
संसदीय सांप
एक ही दिन में हो जाता है हमारा बाप
संपत्ति बढ़ जाती है अनापशनाप
अब लगाओ नारा आप!
सब चले है एक ही रस्ते पर
तुष्टिकरण करो और करो पार
सब बाधाए जो रास्ते में थी
अब धन की सामने नहीं थी।
आपको भी लालसा
सब का मन एक सा
देश का किसान क्या करेगा?
सब का पेट कब तक भरेगा?
अब एक नया फलसफा सामने आया है
सब ने मिलकर वफ़ा के नाम पर देश को मुर्ख बनाया है
नयारपालिका का रोल अपने आप में रोषजनक है
व्यभिचारी और दुराचारी को मिलजाता छुटादौर अचानक है।
उनको जामीन मिल जाती है आसानी से
गरीब सड़ जाता है पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे
सालो गुजर जाते है न्याय पानेके लिए
यही तो है बात मन में रखने के लिए।
Welcome anirudhh kumar anand Like · Reply · 1 · Just now
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Waheed Musah Thank you Hero Most grateful for your motivations and encouragement Like · Reply · 1 · 15 hrs