रात को गया गली में घूमने,
चाँद भी आसमाँ उतर आया था।
छत पर जुटे चँदा की सुन्दरता देख,
मन ही मन बहुत घबड़ाया था।।
समझ आ गया तब उसको,
अब बच्चे मामा कह क्यों न बुलाते हैं।
जब हर घर में ही चाँद बसता,
'नवीन'' नभ ओर नहीं निहारते हैं।।
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