देश के टुकड़े टुकड़े वाले नारे हम जोर शोर से लगाएंगे
बस और ट्रैन हम फूकेंगे पर फासिस्ट आप ही कहलायेंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
अपने पीड़ित भाइयो के लिए हम आंसू एक न बहाएंगे
पर खून सने पडोसी के हाथो से हम जाकर हाथ मिलाएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
अपने देश की संपति ध्वस्त कर हम वॉक लिबरल बन जायेंगे
और हाथो मे पत्थर लेकर अपनी ही पुलिस को निशाना बनाएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
CAB का मतलब भी ना जाने पर सड़क पर कोहराम मचाएंगे
अपनी ही माँ को गाली देकर माँ के दूध में दरार गिराएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
हर सड़क हर गली हर शहर में भयावह दंगे हम करवाएंगे
किन्तु इसको उत्तर दिया तो नाज़ी हिटलर आप ही बन जाएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
घुसपैठिये हो गए अपने और अपने हमे फूटी आँख न सुहायेंगे
टैक्स न भरा कभी कोड़ी हमने पर राष्ट्र संपति हम जलाएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
चे ग्वेरा का टीशर्ट पहनकर सीना खोल हम बहुत इतरायेंगे
गद्दारों के साथ मिलकर नारे अपनों से ही आज़ादी के लगायेंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम कागज़ नहीं दिखाएंगे
अपने ही घर में घर के चिराग एक दिन इससे बड़ी आग लगाएंगे
शेर के दांतो से गिनती करने वाले देश को दीमक बन कर खाएंगे
कितना भी आप जोर आजमा लो हम तो कागज़ नहीं दिखाएंगे
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