साक्षरता गीत सब पढ़े सब बढ़ें-गया प्रसाद आनन्द की रचना Poem by Gaya Prasad Anand

साक्षरता गीत सब पढ़े सब बढ़ें-गया प्रसाद आनन्द की रचना

चेतना गीत / सब पढ़े! सब बढ़े! !
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करो मेहनत से तुम सब पढ़ाई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
पढ़ लिख लेबौ तौ ज्ञान बढ़ जाई,
चाहे जहाँ रहीबो सम्मान बढ़ जाई ।
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।

माता पिता गुरू क कहना मानो,
अपना भला इसी में जानो ।
नाहीं मनबो तो होई जग हंसाई बबुआ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।
करो मेहनत से तुम सब पढाई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।

स्कूल समय से रोज़ तुम जाओ,
मात- पिता - गुरु शीश नवाओ
हर काम समय से करना सीखो
सुन्दर अक्षर लिखना सीखो ।।
नाहीं लिखबौ तौ राइटिंग गडबडाई बबुआ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।

सदाचार कै नियम सीखो,
मेहनत से खूब पढ़ो-लिखो ।
सदा अनुशासन में रहना है अच्छाई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
करो मेहनत से तुम सब पढाई बबुआ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।

" जी०पी ०आनन्द " कै मानव कहनवा,
झूठ, बेईमानी, चोरी छोड़ो, सब बहनवा ।
छोड़ो नशा, मदिरा, सगरौ बुराई बबुआ,
नाहीं जीवन होई आगे दुखदायी बबुआ ।
लियौ उन्नतकै रहिया अपनाई बबुआ,
होई शिक्षा से सबकै भलाई बबुआ ।

रचयिता ...
गया प्रसाद आनन्द
(आनन्द गोण्डवी)
स०अ०(चित्रकार व कवि)
बुद्ध उ०मा०वि० करनीपुर वजीरगंज
जनपद -गोण्डा
स्वर दूत -9910960170
9838744002

साक्षरता गीत सब पढ़े सब बढ़ें-गया प्रसाद आनन्द की रचना
Wednesday, March 28, 2018
Topic(s) of this poem: educational
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