तितली की जीत Poem by jodlizbeth dominic

तितली की जीत

चल चल तितली के पीछे पीछे
जा सकते खुशबू लेकर चारों ओर
मधु पीकर मन मोहित होकर
फूल-फूलों में कली-कलियों में

उड़ती तितली जाती तेजी़
न पहुँचा मै तितली के साथ
तितली दौड़ मैं भी दौड़ते
तितली फूलों में बैठा तो
मैं दौड़ छोडकर चलते धीरे
तितली को पकडने पास आते
तो भाग जाती तितली जल्दी

तितली कितनी नन्ही तू
फिर भी विजयी बन जाई।
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-जोकुड हिन् पोम्स2017

Tuesday, May 22, 2018
Topic(s) of this poem: butterfly
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India, Kerala
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