चीन तेरा देश, वूहांग तेरा ग्राम।
दाऊद से भी भयंकर, कोरोना तेरा नाम।।
रावण से भी भयंकर तू, रोक दिये सारे कार्यभार।
रुप देख कुदरत का विक्राल, टूट गया इन्सान का अहंकार।।
छाया भय सब तरफ, जैसे बनकर तुफान।
छिप गये सब अंदर, बंद कर मकान।।
खोया गर्व उनका, करे जो शादी में दिखावा।
५० लोगों से ज्यादा, नहीं जायेगा बुलावा।।
नहीं होंगे मैयत में, खाने के वांदे।
चाहिए अर्थि को, सिर्फ चाथ कंधे।।
लगाये मुहं पर मास्क, हाथ में सॅनिटाईझर।
बंद करे ताम झाम, करे शादी रजिस्टर।।
प्यारी है जिंदगी तो, नियमों का पालन करों।
न मानकर कहा अमितजी का, कोरोना से मरो।।
अजय की तरह बॉडिगार्ड, है सेतु आपका।
कोरोना से आपकी रक्षा, यही उद्देश्य उसका।।
डाउनलॊड करके आरोग्य सेतु, करे आत्मरक्षा।
सावधान और सतर्क रहकर, करे खुद की रक्षा।।
अमीर गरीब समान, ऐसी इसकी कमाल।
नेता हो या जनता, सब हुये बेहाल।।
पालन करे नियमों का, रखकर दूरी करे काम।
ज्यादा पास आये तो, सत्य होगा आपका राम राम।।
नहीं जगा सरकारी दवाखानों में, मच गया हाहाकार।
बढ़ती मांग के कारण, हुआ बेड का काला बाजार।।
दोगे अगर सावधानी में, जरासी भी ढील।
निजी अस्पताल से फटेगा, एक दो लाख का बील।।
कक्षा हुई अॉनलाईन, परीक्षा जब बहुत दिनों बाद।
बढी कॉपी ज्यादा, हुई शिक्षण व्यवस्था बरबाद।।
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