हे भारत के व्यास जगो! Poem by Krutik Patel

हे भारत के व्यास जगो!

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हे भारत के व्यास जगो, मै तुम्हें जगाने आया हुं।
सब सिद्धियों की एक सिद्धि, विज्ञान बताने आया हुं।।
सुनो भारत कैद हुआ है, कोरोना की रस्सियों मे।
अब बता दो कितना पानी, है भारत के तपस्वियों में।।
खड़ी कोरोना की फौज हवा में, आज तुम्हें ललकार रही।
सोये ऋषि जगो भारत के, माता तुम्हें पुकार रही।।

भाभा की अणु उर्जा जागे, साराभाई का यान जागे।
भटकर का परम जागे, कलाम का अण्वस्त्र महान जगे।।

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