ना उम्मीद करते हैं ना इंतज़ार करते हैं
वो तो बस तुमसे प्यार करते हैं
अश्क़ जो कभी आँखों में आ जाये
उन्हें पोछ लेते है ना इज़हार करते हैं
जागते रहते हैं अक्सर रातों में
चाँद सितारों से बात करते हैं
इस तरहजीते हैं अपनी ज़िन्दगी
की दुआओं में तुझे शुमार करते हैं
अपने वजूद की उन्हें फ़िक्र नहीं
बस तेरे होने पे जां निसारकरते हैं
वो कहते तो किसीसे कुछ भी नहीं
बस करते हैं तो कमाल करते हैं
ना उम्मीद करते हैं ना इंतज़ार करते हैं
वो तो बस तुम से प्यार करते हैं
जागते रहते हैं अक्सर रातों में चाँद सितारों से बात करते हैं इस तरहजीते हैं अपनी ज़िन्दगी की दुआओं में तुझे शुमार करते हैं....nice poetic expression. A beautiful poem so nicely executed.10
Without being late expressing love is nice attitude. An interesting poem is very beautifully penned. Revisiting this we feel glad.