तुम्हारा प्यार क्या मिला Poem by KAUSHAL ASTHANA

तुम्हारा प्यार क्या मिला

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तुम्हारा प्यार क्या मिला
बदल गया जीवन
मेरी सम्वेदनाये सब
सहज मुस्कान बन गयी |

मुझे मालूम तेरा मिलना
संभव नही यहा
प्रतीक्षा अनवरत करना
मेरी पहचान बन गयी |

मौत एक खूबसूरत फलसफा
इनसान के लिये
यह जान कर अब जिन्दगी
आसान बन गयी |

ए वक्त अगर संभव हो
कुछ देर ठहर जा
शांत कर लू वे लहरें
जो तूफान बन गयी |

कौशल विरह की अग्नि
प्रज्वलित रहे यू ही
पिघला लू अपनी प्रीति
जो पाषाण बन गयी |

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