मेरी एक नज्म मेरी पुस्तक 'पैबंद ' से
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घबराया हुआ सूरज हूँ,
रोशनी देना मेरा काम
सब पूछते हैं मुझ से -
तारे - सितारे कहाँ है?
ज़मीन पूछती है -
आसमान आवारा कहाँ हैं?
घबरा गया -
खुद आपने आप से ही मै
हम को बता दो -
हमारा प्यारा जहाँ कहाँ है?
- संजय 'अमान '
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