मिला रूठ कर क्या मना कर तो देखो |
सहज हो प्रिये मुस्करा कर तो देखो ||
भयानक अंधेरों में कब तक जियोगे |
अतीत जो दुःख दे भुला कर तो देखो ||
खयालो में रह हर समय दौड़ता मन |
उसे थोड़ा अंकुश लगा कर तो देखो ||
परायो को अपना बनाते रहे हो |
अपनो को अपना बना कर तो देखो ||
बहुत दिन हुए गीत होठों पे आये |
कभी गीत संग गुनगुना कर तो देखो ||
नही पाया कुछ गर्व से सर उठाकर |
कभी शांति से सर झुकाकर तो देखो ||
रहेगे नही कोई शिकवे गिले फिर |
कभी दिल से दिल को मिला कर तो देखो ||
दिलों कि क्या भाषा, नयन जानते है |
झुकाओ नयन मत, मिला कर तो देखो ||
.............................. कौशल अस्थाना
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