मेरा प्यारा हिंदुस्तान Poem by Aftab Alam

मेरा प्यारा हिंदुस्तान

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आन मेरा, मेरा शान है ये, मेरा प्यारा हिंदुस्तान.
कश्मीर मेरा, मेरा ताज है ये, मेरा प्यारा गुलिस्तान

रात काली है तो क्या? ये रात है दिवाली,
मेरी अहुति में है छुपी देखो सुबह की लाली
रक्षा में इसके दे दूँ जाँ, ओढ़े होटों पे मुसकान
मेरा प्यारा गुलिस्तान, मेरा प्यारा हिंदुस्तान
आन मेरा, मेरा शान है ये, मेरा प्यारा हिंदुस्तान.
कश्मीर मेरा, मेरा ताज है ये, मेरा प्यारा गुलिस्तान


भारत एक सोने की चिड़िया, बहुत है इसमें जान
आओ मिलकर बगिया सीचे तभी बचेगी शान
भांति-भांति के फूल यहाँ, हैं भांति-भांति के गान
मेरा प्यारा गुलिस्तान, मेरा प्यारा हिंदुस्तान//

आन मेरा, मेरा शान है ये, मेरा प्यारा हिंदुस्तान.
कश्मीर मेरा, मेरा ताज है ये, मेरा प्यारा गुलिस्तान
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Monday, September 15, 2014
Topic(s) of this poem: patriotic
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Aftab Alam

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RANCHI,
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