Sushil Kumar Poems

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1.
गुरु बंदना

गुरुवर तुम्ही बता दो किसकी शरण में जायें।
चरणों में जिसके गिरकर अपनी व्यथा सुनाएं।

अज्ञान के तिमिर ने चारों तरफ से घेरा।
...

2.
A Question Mark?

The God is almighty!
Can God instruct the sun,
to rise from the west,
and to sink in the east?
...

एक यार का ब्याह था किया हमें आमन्त्र।
चलो कुमार जरूर तुम, तुमहि पढोगे मन्त्र।
तुमहि पढोगे मन्त्र, बात ये हमें सुहाती।
हमहे घर के चार भये अब पांच बराती।
...

4.
महिमा मोबाइल देव की

अरे मोबाइल तूने कितना, दूर-जनों को पास कर दिया।
जाने-अनजाने रिश्तों को, तूने कितना खास कर दिया।
फुदक-फुदक कर घर-आँगन में जो गौरया चहका करती,
तेरे परम-मित्र टॉवर ने उसका सत्यानास कर दिया।
...

5.
तुमको पाने के बाद:

मुझको तुम जो मिले, मिल गयी हर ख़ुशी,
और क्या चाहिए, तुमको पाने के बाद।
कह रहा है ये दिल, हम तुम्हारी कसम,
अब न होंगे जुदा, दूर जाने के बाद।
...

6.
क्षणिकाएं:

एक ग्रामीण बालक,
होटों तक बहती नाक को,
आस्तीन से पोंछता हुआ,
फटे, मैल से चीकट कुरते को,
...

7.
An Insanity

We do all that..
our conscience,
doesn't allow.
But we say, 'Wow! '
...

8.

हम सत के पथ को अपनाएँ, ऐसा सद्ज्ञान हमें दो प्रभो।
ऐसा सद्ज्ञान हमें दो प्रभो......

छाया चहु-ओर अँधेरा है, हमको संशय ने घेरा है।
...

9.
Why Not To Dream?

Being aware of.
the storm is
about to come,
they try to cross the ocean
...

10.
यथार्थ

भाभी और सालिओं के रूप पे कुदृष्टि डालें,

नाना पिरलोभन से उनको लुभात हैं।
...

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