आशीर्वाद के बोल Aashirvad Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

आशीर्वाद के बोल Aashirvad

आशीर्वाद के बोल

"लोग कहते है शादी है बर्बादी '
उनको चाहिए जीवन में आजादी
वो अपना जीवन पसंद कर सकते है
बाकी बचे लोग भप अपने अपने पथ पर जा सकते है।

सब कहते है शादी है एक बंधन
ऐसा बंधन जो पवित्र है और पावन
जीवन में एक ठहराव आता है
मानव की व्याख्या में मानो सही मानव कहलाता है।

सब के मन में फूटते है लड्डू
भले ही उनका नाम होता है गुड्डू
'मुझे तो गोरी चिट्टी बहु चाहिए'
दिखने में खूबसूरत और चरित्रवान भी चाहिए।

'वो बहु बन के आए और लड़की बनके रहे'
लड़के की माँ प्यार से देखे और कहती रहे '
हां भाई एक ही अकेली संतान है सब उसीका तो होगा
उसी के मन का फव्वारा फुट पड़ता है यह कहकर की 'सब कुछ अच्छा ही होगा'

शादी जरूर मनाओ पर अपने ढंग से
ज्यादा शोर शराबा नहीं और सही तरीके से
अपनी और से कोई मांग नहीं
जो उनकी इच्छा हो वोही कन्यादान सही।

पर माँ कहाँ मानने वाली!
वो तो है ससुराल वाली
'भाई गाड़ी तो होगी ही होगी '
गहनों की तो क्या गिनती होगी?

सही झटका तो अब सबको लगा
जब मदर ऑफ़ आल बम्ब अचानक फटा
अरे भाई मोटर तो देही देंगे और गेहने को क्या गिनना?
मंडप छोड़ने से पहले एकबार सब से मुलाकात तो करवाना!

मेरी शादी में धुआंधार बारिश होने वाली थी
ऐसी बारिश जो रुकने वाली नहीं थी
माने मेरी और देखा और सान में समझ गयी
उसने हंसकर सब टाल दिया और आशीर्वाद के बोल बोल गयी।

आशीर्वाद के बोल Aashirvad
Wednesday, May 10, 2017
Topic(s) of this poem: poem
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welcome aman pandey Like · Reply · 1 · Just now

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मेरी शादी में धुआंधार बारिश होने वाली थी ऐसी बारिश जो रुकने वाली नहीं थी माने मेरी और देखा और सान में समझ गयी उसने हंसकर सब टाल दिया और आशीर्वाद के बोल बोल गयी।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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