बहुत कुछ है करने को
समय बहुत कम है लेकिन
करने को इतना कुछ है
समय कहां मिलता लेकिन
जीवन चलता जाता है
अपने ढर्रे पर चुन पलछिन
हम सोच में डूबे देर तलक
भरसक कोशिश करते हर दिन
क्या है जमा किया हमने
क्या मोल दिया हमने गिन-गिन
- अमिताभ बच्चन
(अनुवाद - अभय शर्मा)
Translation of brother Amuitabh's thoughts
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