Amrit Ke Naam - अमृत के नाम Poem by Abhaya Sharma

Amrit Ke Naam - अमृत के नाम

विश्व के तुम मित्र हो
मित्रों के हो अमृत सदन
रूप धर कर आये हो
कह दो जगत के जगातियों से
बात मेरी मान कर चलना सदा
ध्यान रखना भूल न हो
मित्रता की राह में
भटके हुए को भोज देना
भेंट देना मान देना
हो सके तो ज़िन्दगी में
तुम उन्हें सम्मान देना
हर किसी व्यक्ति में गुण है
एक यही सच जान लेना
विश्व के तुम मित्र हो
मित्रों के हो अमृत सदन

- अभय शर्मा

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Abhaya Sharma

Abhaya Sharma

Bijnor, UP, India
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