अपने प्रयास
रविवार, २४ मार्च २०१९
ना करना किसी पे एतबार
वो धोखा देंगे बार बार
आप रोते रहोगे अपनी क़िस्मत पर
कोई ना रोएगा आपको देखकर।
सम्हालो अपने आप
ना रखो कोई संताप
सेह नहीं पाओगे उसका ताप
जलते ही रह जाओगे लगता रहेगा भाप।
विश्वास से ही चलता
और अविश्वास सेही डूबता
मरता क्या क्या न करता?
बस अपने दुखड़े रोता रेहता।
करते रहो अपने प्रयास
मिल जाएगा आपको अनायास
ना मांगे मिलता सबकुछ
मांगने से लूट जाता बहुतकुछ।
रहो खुश अपने कार्य से
बनाओ स्वीकार्य ख़ुशी से
ना करो फ़रियाद प्रभु से
जानता वो सबकुछ स्वयंभु।
हसमुख मेहता
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रहो खुश अपने कार्य से बनाओ स्वीकार्य ख़ुशी से ना करो फ़रियाद प्रभु से जानता वो सबकुछ स्वयंभु।.....touching expression with nice theme. Beautiful poem shared amazingly.