भ्रष्टाचार पर प्रहार टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
ये तो एक फूल है ये फूल तो मुरझायेगा, बसंत आने के बाद हरियाली फिर से छायेगा |
भारत मे फिर से ईमान हम छायेंगे, बस उसी दिन से मुस्कान हम लायेंगे
टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
भ्रष्टाचार पर हम मिलकर प्रहार करे, जंग के लिये हम खुद को तैयार करे
आजादी की जो जंग हमने की 1947 मे, वही जंग आज करेंगे भ्रष्टाचारी से
खोज करके हम सारे पूंज को मिटायेंगे, शब्दावली से इस शब्द को मिटायेंगे
टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
ये तो मुख है कोई ज्वालामुखी का द्वार नही, मै तो चाहता हूँ नफरत से किसी को प्यार नही
एक नये बाग को हम फिर से बसायेंगे, प्यार के पौधो को हम सिंचते ही जायेंगे
प्यार के पौधो को भारत मे हम लगायेंगे, सोने की चिडिया हम फिर से कहलायेंगे
टूटते सपनो को फिर से हम सजायेंगे, एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे
रूकते कदमो को हम फिर से बढायेंगे, सबके विश्वास को हकीकत हम बनायेंगे
मै तो हैप्पी हूँ हैप्पी सबको मै बनाऊंगा, मरते वक्त भी मै मुस्कराउंगा
मै तो चाहता हूँ भारत मे विकाश प्रकाश हो, भ्रष्टाचार रूपी अंधियारा बस दास हो
नये सूरज से नये सुबह को बनायेंगे एक नये युग का निर्माण हम करायेंगे |
अविनाश पाण्डेय 'खुश', ग्राम- कसियाँव, पो.जमालापुर, जौनपुर (उ.प्र.) मो. न. 9795745817
e-mail - avinashpandeykhush@gmail.com /LIKE ON facebook page- अविनाश पाण्डेय खुशहाल
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