धन को देश रखने का
पहले गंगा मैली हो गई
मौत का सन्देश ले आई
हम समले ही थे की बारिश आ गई!
तैयार फसल की बर्बादी हो गई।
नदियाँ कीबात ही छोडो
बैंको में लूट काराग छेड़ो
ये राजकारणी कैसे हमारे उद्धारक हो सकते है
पप्पूभाई कैसे विचारक हो सकते है?
उनको नहीं लगता था देश डूब जाएगा
लक्ष्मी बता देगी ठेंगा
अपना बनाया हुआ राज ध्वस्त हो जाएगा
"कई लाख से करोडो कैसे बन गए " ये राज खुल जाएगा।
आज हर शाख पर उल्लू बैठा है
उनको शर्म नहीं आती की कुसूर उनका ही है
इतने साल देश को लुटते रहे
अपने ही सपनों में राचते रहे।
कोर्ट से जमानत पर है
फिर भी ऐसे बरतते है
जैसे प्रमाणपत्र मिल गया हो
देश को खर्चे का श्रोत तो बताओ।
खाना पीना सरकारी खर्चो से
हवाईसफर और चिकित्सा सब पार्टी के खाते से
चारपाई और दुसरा आवंटननौटंकी कीनोकपर
जवान मर रहे कश्मीर की पॉलिसी पर।
अब आ गया वक्त उन्हें बाहर करने का
देश के कलेवर को बदलने का
सामान्य आदमी के भरोसे को कायम करने का
देश के धन को देश में ही रखने का।
वर्तमान सरकार की नाक के नीचे आर बी आई और अन्य इदारे आँखें बंद कर के काम कर रहे हैं और आप इसके लिए पहले की सरकारों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जानबूझ कर हक़ीकत से मुंह मोड़ना समझदारी नहीं.
अब आ गया वक्त उन्हें बाहर करने का देश के कलेवर को बदलने का सामान्य आदमी के भरोसे को कायम करने का देश के धन को देश में ही रखने का।
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Tribhawan Kaul Waaaaah :) _/\_ :) 1 Manage Like · Reply · 1h