जीवन संगिनी Poem by Gaya Prasad Anand

जीवन संगिनी

अगर आपके पास
अपनी नारी है
तो ये दुनियाँ है
दुनियाँदारी है
अगर कोई नर
बिना नारी है
तो ये मत समझना की
वो अखंड ब्रह्मचारी है
अगर किसी के जीवन मे
कोई दूसरी नारी है
तो समझ लेना की वो
पक्का व्यभिचारी है
अगर नाराज़ अपने
पति से कोई नारी है
तो समझ लेना की उसे
शक की बीमारी है
अगर पत्नी खुश है
तो पति के जीवन मे
प्रेम है विश्वास है
खुशियाँ सारी है
नहीँ तो दुख है
पीडा है लाचारी है ।
हर पत्नी अपने पति पर
सदा भारी है
पत्नी लक्ष्मी है
पति उल्लू है
उल्लू ही तो
लक्ष्मी की सवारी है ।

गया प्रसाद आनन्द
(आनन्द गौंडवी)
#9919060170

जीवन संगिनी
Wednesday, June 28, 2023
Topic(s) of this poem: cute love
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