अपने उस्तादों पर दस बेहतरीन शेर (Happy Teachers Day) Poem by Sharad Bhatia

अपने उस्तादों पर दस बेहतरीन शेर (Happy Teachers Day)

अदब तालीम का जौहर है ज़ेवर है जवानी का
वही शागिर्द हैं जो ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं
-चकबस्त ब्रिज नारायण

देखा न कोहकन कोई फ़रहाद के बग़ैर
आता नहीं है फ़न कोई उस्ताद के बग़ैर
-अज्ञात.

जैसे सय्यादों को सय्यादी से रहती है ग़रज़
काम उस्तादों को वैसे अपनी उस्तादी से है
- ज़फ़र कमाली

जिन के किरदार से आती हो सदाक़त की महक
उन की तदरीस से पत्थर भी पिघल सकते हैं
-अज्ञात

अब मुझे मानें न मानें ऐ 'हफ़ीज़'
मानते हैं सब मिरे उस्ताद को
-हफ़ीज़ जालंधरी

किस तरह 'अमानत' न रहूँ ग़म से मैं दिल-गीर
आँखों में फिरा करती है उस्ताद की सूरत
-अमानत लखनवी

शागिर्द हैं हम 'मीर' से उस्ताद के 'रासिख़'
उस्तादों का उस्ताद है उस्ताद हमारा
-रासिख़ अज़ीमाबादी

उस्ताद के एहसान का कर शुक्र 'मुनीर' आज
की अहल-ए-सुख़न ने तिरी तारीफ़ बड़ी बात
-मुनीर शिकोहाबादी

वही शागिर्द फिर हो जाते हैं उस्ताद ऐ 'जौहर'
जो अपने जान-ओ-दिल से ख़िदमत-ए-उस्ताद करते हैं
-लाला माधव राम जौहर

कुछ तड़पने का सिसकने का मज़ा लेने दे
इतनी ताजील मिरे क़त्ल में जल्लाद न कर
- अब्दुल अलीम

एक प्यारा सा एहसास मेरी नन्ही कलम से
(शरद भाटिया)

अपने उस्तादों पर दस बेहतरीन शेर (Happy Teachers Day)
Saturday, September 5, 2020
Topic(s) of this poem: emotion,emotions
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
This poem is dedicated to all poem hunter Respected seniors and all My lovely fellow friends.

Thank you so much for being a part of my life to all those who supported me directly and indirectly and boosted my morale.
COMMENTS OF THE POEM
M Asim Nehal 15 September 2020

Bahut khoob...padhkar maza aagaya. Kya baat hai kuch dino se ek pyara ehsas aapki kalam se nahi aaya?

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Varsha M 05 September 2020

Umda chayan parki ke nazar. Behtareen shayari sankalan... Aabhar unn sab guruwoo ka jinhone Kabhi na kabhi sikhaya hame.... Dhanyawad.

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Rajnish Manga 05 September 2020

आज 'टीचर्स डे' पर उस्तादों (गुरुजनों) को समर्पित उर्दू के उस्ताद शायरों के जो अश'आर प्रस्तुत किये हैं उनमें गुरुजनों के प्रति आदर व श्रद्धा के भाव प्रगट किये गए हैं. आपका बहुत बहुत धन्यवाद. मित्र शरद जी.

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