जब तुम मिलोगी
मैं तुम्हें कई बात बताऊंगा
हमारे बीते हुए सभी लम्हों को याद दिलाऊंगा
तुम्हारी आँखों की चमक में
मैं खुद खो जाऊंगा
तुम्हारे इन बिखरे बालों में
में खुद को उलझाउंगा
तुम जब मिलोगी
मैं तुम्हें खूब हंसाऊंगा
तुम आओ कभी मेरे सपनों से बाहर
मैं अपने दिल की सारी बातें सुनाऊँगा
जब तुम मिलोगी ना
मेरे तुम्हें चाहने का असली मतलब बतलाऊंगा
- PRASANT KUMAR
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