Jab Tum Milogi Poem by Prasant Kumar

Jab Tum Milogi

जब तुम मिलोगी
मैं तुम्हें कई बात बताऊंगा
हमारे बीते हुए सभी लम्हों को याद दिलाऊंगा

तुम्हारी आँखों की चमक में
मैं खुद खो जाऊंगा

तुम्हारे इन बिखरे बालों में
में खुद को उलझाउंगा

तुम जब मिलोगी
मैं तुम्हें खूब हंसाऊंगा

तुम आओ कभी मेरे सपनों से बाहर
मैं अपने दिल की सारी बातें सुनाऊँगा

जब तुम मिलोगी ना
मेरे तुम्हें चाहने का असली मतलब बतलाऊंगा
- PRASANT KUMAR

Jab Tum Milogi
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