My Favourite Part Of My Life Poem by Prasant Kumar

My Favourite Part Of My Life

Rating: 5.0

बचपन तेरी यादें जब भी आती हैं
फिर उसी सुकून को याद दिलाती हैं

वो स्कूल के बाद खेलने की तैयारी
और रात होते ही कल स्कूल जाने की तैयारी

हस्ते खेलते वो सुनहरे पल
पता नहीं कब गुजर गया वो कल

वो ढेर सारी खुशियो का जमाना था
बचपन का भी एक खजाना था

बीत गया मेरे बचपन का किस्सा मेरा
पता नहीं किधर गया
मेरे जिंदगी का मेरा मन पसंद हिस्सा मेरा

My Favourite Part Of My Life
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My favourite part of my life poem by Prasant Kumar
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