बचपन तेरी यादें जब भी आती हैं
फिर उसी सुकून को याद दिलाती हैं
वो स्कूल के बाद खेलने की तैयारी
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मिले होंगे कई रास्ते ज़िंदगी में तुम्हें
मंजिल तक जो पहुंचाये वो रास्ता हूं मैं
बिताया होगा तुमने ज़माना किसी के साथ
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तुम साथ हो मेरे या साथ हो नहीं
बातें जो सच हैं उन्हें छुपा रहा हूं मैं
तुम मुझे देखो या देखो नहीं
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जब तुम मिलोगी
मैं तुम्हें कई बात बताऊंगा
हमारे बीते हुए सभी लम्हों को याद दिलाऊंगा
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Prasant Kumar is an Chemical Engineer. He has passed high school from Nehru Inter college, Rudayan (Budaun) . And live in district Budaun, North - india. his interest always in writing and reading poem, article and stories.)
My Favourite Part Of My Life
बचपन तेरी यादें जब भी आती हैं
फिर उसी सुकून को याद दिलाती हैं
वो स्कूल के बाद खेलने की तैयारी
और रात होते ही कल स्कूल जाने की तैयारी
हस्ते खेलते वो सुनहरे पल
पता नहीं कब गुजर गया वो कल
वो ढेर सारी खुशियो का जमाना था
बचपन का भी एक खजाना था
बीत गया मेरे बचपन का किस्सा मेरा
पता नहीं किधर गया
मेरे जिंदगी का मेरा मन पसंद हिस्सा मेरा