जीवन सफल होगा
हर किसी को प्रेम की भूख यहाँ
किस को हर तरह का सुख यहां
सब को इनतेज़ार है उस पलका
बस सहायता वाला हाथ मिल जाय उनका।
प्रेम के बिना संसार बेसुरा
किसका होगा आपको आसरा?
ये बंधन ही तो है एक सीडी सरीखा
जो हम सब ने है परखा।
यदि मेरा बस चलता
तो नगर ढिंढोरा फिरता
प्रेम ना करियो कोई
यहाँ कोई किसी का नै।
प्रेम के बिना चारा भी तो नहीं
पशु को भी चाहिए प्रेम यहीं
हम तो ठहरे इंसान
क्या इतना सफर है कठिन?
ना हो इतने बेउम्मीद
बस जलता रखो उम्मीद का दीपक
प्रेम जरूर मिलेगा उजाला भी होगा
जीवन सफल होगा और प्रेममय रहेगा।
ना हो इतने बेउम्मीद बस जलता रखो उम्मीद का दीपक प्रेम जरूर मिलेगा उजाला भी होगा जीवन सफल होगा और प्रेममय रहेगा।
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ना हो इतने बेउम्मीद बस जलता रखो उम्मीद का दीपक प्रेम जरूर मिलेगा उजाला भी होगा जीवन सफल होगा और प्रेममय रहेगा।