मानवजात के वंशज
सोमवार, ६ अगस्त २०१८
ना तेरा है ना मेरा है
बस जग एक बसेरा है
इधर ना किसीका पहरा है
और नाही किसीका चेहरा है
कुदरत की एक बेनमून भेट
कर लो प्रशंशा भरपेट
नहीं आना इसे बारबार
तो नही होना कभी भी कसूरवार।
हम मानवजात है
और इसका हमें एहसास है
कभी भी हम उसका ह्रास नहीं होने देंगे
किसी पर भी हम आततायी की परछाए नहीं पड़ने देंगे।
रब दा एहसान मानो
उसकी करामात को जानो
वापस उसी के पास जाना है
उसकी फितरत से अनजानानहीं रहना है।
जीवन में नयी जान डालना है
अपने को उसी में जरुरत के मुताबिक़ ढालना है
दुष्कर्म से बचना है
और सत्कर्म में लीन रहना है।
नाही आडम्बर करना है
और नाही कुछ छिपाना है
सादगी और सदाचार ही मुख्य अंश है
क्योंकी हम मानवकुल के वंश है।
हसमुख अमथालाल मेहता
नाही आडम्बर करना है और नाही कुछ छिपाना है सादगी और सदाचार ही मुख्य अंश है क्योंकी हम मानवकुल के वंश है। हसमुख अमथालाल मेहता
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Bahaut sunder panktiyaan hai, Sir.///// radhika gupta