मेरा भाग्य
रविवार, ७ जुलाई २०१९
मुझे चाँद जमीं पर दिखा
में हमेशा रहता था खफा खफा
नहीं अच्छा लगता था मुझे
सभी रहते थे घेरे घेरे।
जमीं पाँव से जैसे फिसल गयी
जबसामने सूरत दिखाई दे गई
मानो चंदमा अपनी जगह छोडकर यहाँ आ गया
मेरी जिंदगी में मानो उझाला लाने आ गया।
मैंने गौर से देखा
जाना और परखा
मानो उसमे कुछ अलग सा था
में अपने ही होश को खो रहा था।
वो मरक मरक हॅंस रही थी
मानो मेरे सपने जगा रही थी
मेरे जिंदगी संवारना चाहती है
मेरे में नई जान फूंकना चाहती है।
यह एक अजूबा ही है
मेरे मन की भी यही चाह है
उसका आना मेरे लिए एक सौभाग्य ही है
मे मानता हूँ की ऐसा भाग्य किसी को ही मिलता होगा।
हसमुख मेहता
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