मेरा कर्म मेरे साथ
मेरा कर्म मेरे साथ
मानो बिजली चमक गयी
घर के सब को हचमचा गयी
मेरा इतना ही केहना ' में घर बसाना चाहती हूँ'
अपने आपको अलग से रखना चाहती हूँ।
पसंद नहीं आयी उनके मेरी बात
बहुत मारे हमको घूंसे और लात
वो मनवाना चाहते थे की 'में चलू उनके साथ'
पर मैंने नहीं हामी भरी और ऊँचा किया अपना हाथ।
हमारा बस इतना ही कहना
उनको लगा बुरा हमारा करना मना
पर मैंने कहा ये मेरी जिंदगी है
सच कहना ही असली सादगी है।
मेरा कर्म मेरे साथ
में चलूंगी जीवन पथ
में चढ़ जाऊंगीं चलते रथ पर
साबीत करके दिखाउंगी मनोरथ सही राह पर।
प्यार मेरी अमानत है
उसको रोकना ल्यानत है
उसको पनपने दीजिए
और अपनी हामी भरी दीजिए।
Aasha Sharma Thank you very much Hasmukh Mehta ji Your greatness And my pleasure Unlike · Reply · 1 · 4 mins
प्यार मेरी अमानत है उसको रोकना ल्यानत है उसको पनपने दीजिए और अपनी हामी भरी दीजिए।
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welcoem asha sharm a