मेरा साया
Saturday, May 19,2018
5: 49 PM
मेरा साया
अपना कभी ना हो पाया
कभी उसने अपना कद बढ़ाया
तो कभी मेरे में समा गया।
प्रीति को निभाना मेरी मज़बूरी थी
मेरे में इतनी सबुरी नहीं नहीं थी
में बेचैन होता गयां
और अपने को पराए करता गया।
प्यार तो सिने में समाया था
वो ना भुलाए भुलाया जाता था
दिल ने खूब, खूब सहा है
फिर भी उसको सराहा है।
दिल में टीस सी उठी
और आत्मा कराह उठी
एक बंजर जमीं पर फूल उगने से पहले ही मुरझा गया
प्यार तो हो गया था, पर खीलने से पहले हीख़त्म हो गया।
दिल तो चूर चूर हो गया
गम के दरिए में डूब गया
साया अपने आप में ही लज्जित हो गया
मुंह छुपाने के लिए मेरे पीठ के पिछे ही छिप गया
हसमुख अमथालाल मेहता
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दिल तो चूर चूर हो गया गम के दरिए में डूब गया साया अपने आप में ही लज्जित हो गया मुंह छुपाने के लिए मेरे पीठ के पिछे ही छिप गया हसमुख अमथालाल मेहता