मेरी कश्ती
बेखबर मत बनो
पीला दिया है मानो
जवानी का नशा
क्या यही थी मंशा?
निकाल फेकना था
पर निशाना अचूक था
सीधे ही घायल कर गया
बस हम से ही रहा नहीं गया।
पता नहीं फूलों का राज क्या है?
ये हकीकत नहीं तो क्या वाकया है?
जो भी हो दिल को मंजूर है
यदि उनके हाथ में खंजर भी है!
कर बैठे हम नादानी
बस अल्हड थी जवानी
बर्फीले पवन की तबाही
पर स्वर्ण अक्षरोमे लिखने वाली कहानी।
हर दिल यही गाता है
भीतर ही भीतर गुनगुनाता है
सिकुड़ता ज्यादा सोचता कम है!
पर उसकी चाह में जरूर दम है।
उसकी चाह में राह है
अंदाज़ है आगाह है
नदी में आया उफान है
खतरे की घंटी वाला तूफ़ान है।
मेरी कश्ती नहीं डरती
चाहे ओट हो या भरती
बस आँखे मुंद ले मैने भर दी हामी
मिटटी से सर को कर कलाम ओर आकाश को दे सलामी।
welcome makwana vishnu Unlike · Reply · 1 · Just now 22 minutes ago
Alpa Negi Mindblowing Unlike · Reply · 1 · Just now 2 hours ago
x welcome alpa negi Unlike · Reply · 1 · Just now 2 hours ago
xIndi Fernandez Ali No English translation, I cannot read it, sorry. Unlike · Reply · 1 · 4 hrs 29 Dec
welcome kunalkumar ekka Unlike · Reply · 1 · Just now 29 Dec by
xMahesh Prasad Dahal दिल छुने वाला रचना! See translation Unlike · Reply · 1 · 33 mins 5 hours ago
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मेरी कश्ती नहीं डरती चाहे ओट हो या भरती बस आँखे मुंद ले मैने भर दी हामी मिटटी से सर को कर कलाम ओर आकाश को दे सलामी।