Nai Kavitaai - नई कविताई Poem by Abhaya Sharma

Nai Kavitaai - नई कविताई

रात आधी जब है होती
और दुनिया सोई होती
तब मेरे हाथों में आकर
कोई लिखवाता है जाकर
क्या यही कविताई है बस

पूछता मै मन से बेबस
क्या करोगे राग बुनकर
क्या मिलेगा किसको पढकर
नही नही पाता उत्तर जब
रह रह जाता व्याकुल होकर

अभय शर्मा

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Abhaya Sharma

Abhaya Sharma

Bijnor, UP, India
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