नमकहराम पत्थरबाज
गुरूवार, २० दिसंबर २०१८
मेरे दिल में उठी अगन
जब पुकारे जोर से गगन
इंसानियत की सिमा हो जाए लॉन्ग
और देश में हाहाकर करे सब लोग।
मेरे देश के जवान
हमेशा हो जाते कुर्बान
पर एहसान फरामोश रहे इंसान
और बदलता रहे अपनी जबान।
पत्थर फेंकने वालो तुम रहो खबरदार
देश का जवान है हमारा पेहेरेदार
सदा दिखाई है अपनी जवाँमर्दी
शानोशौकत है आपकी वर्दी।
राजकारनीओको नहीं है दिल्लगी
जवानो को परवा नहीं जो खेलते है जिंदगी
अपनी जान देकर उन्हें कई बार बचाया
अपना ही राशन देकर उनको भरपेट खिलाया।
जब पत्थरबाज आतंकियों की मदद करते
देश के जवानो पर पत्थरो सेहमला करते
उनका बस चले तो जान भी ले लेते
खाते है इस मुल्क का और नमकहरामी भी करते।
हसमुख मेहता
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