समा जाओ
शनिवार,
१३ अक्टूबर २०१८
जुबां से निकला हर शब्द
जब तुम्हे है पसंद
तो वो वादा हीहै
क्योंकी ये दिल का मामला है।
गुरुर है ईस बात का
तुंम्हारी समझ का
मुझे परख ने का
और फिर हरख करने का।
मेंने तो आकर किनारा छू लिया
समंदर का परचा भी दे दिया
अब अपने समा जाना है
मेरी मौजो पर सवार होकर मेरे पास आना है।
मैंने मेरा काम कर दिया
धरती के पाँव भी छू लिए
झुककर आशीर्वाद भी ले लिए
तहे दिल से शुक्रिया भी अदा कर दिया
मुझे जाना है वापस
नहीं रखना कोई असमंजस
आना है तो सवार हो जाओ
मेरी आगोश में आकर समा जाओ
हसमुख अमथालाल मेहता
मेंने तो आकर किनारा छू लिया समंदर का परचा भी दे दिया अब अपने समा जाना है मेरी मौजो पर सवार होकर मेरे पास आना है। ...... so touching and impressive. A beautiful poem so nicely and touchingly inscribed. Thanks for sharing.
welcome s r chandrslekha 1 Manage Like · Reply · 3m
मुझे जाना है वापस नहीं रखना कोई असमंजस आना है तो सवार हो जाओ मेरी आगोश में आकर समा जाओ हसमुख अमथालाल मेहता
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Khalid AL-hamami