जीवन में स्वर्ग लाया Swarg Laayaa Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

जीवन में स्वर्ग लाया Swarg Laayaa

जीवन में स्वर्ग लाया

फिजूल की बात सही नहीं
इश्क़ पर किसीका जोर नहीं
वो तो इबादत है उस भगवान् की
जिसने हमें भाग्यवान बनाया।

पागल होने की इसमें गुन्झाइश नहीं
किसी को अपना बनाने की ख्वाइश है सही
बस हो गया है प्यार तो बहकनेकी जरुरत नहीं
निगाहें इनायत से रखो हसरत से भरपूर पर बहकनेकी जरुरत नहीं

मिलेगा प्यार और आनंद भी इतना जैसे नदी में छलकता है पुर
आप भी मस्त रहिये और ख़ुशी आनंद लीजिए भरपूर
इसक में बंधन है पर पाबंदी नहीं
आप सोचते है वो सही नहीं।

वो नसीबवाले है
जिनको ये सब बिन मांगे मिलता है
दिल खिलखिलाता है
और फुल की तरह चमकता है।

प्यार है तो हम है
अन्यथा दूरियां बहुत है
जीवन में संकल्प नहीं
और आयु अल्प बनती यहीं।

बेजोड़ है इसका आंकलन
बड़ी मुश्किल से होता है संकलन
हो गया तो फिर लिसमत आगे का पर्ण दूर हो गया
जीवन में स्वर्ग लाया और पावन कर गया।

जीवन में स्वर्ग लाया Swarg Laayaa
Sunday, May 28, 2017
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM

Aasha Sharma Your appreciation support me a Lott. Sir Hasmukh Mehta ji thank you very much. Like · Reply · 1 · Yesterday at 06: 14

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welcome aasha sharma Like · Reply · 1 · Just now

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welcome Hcl Hcl 1 mutual friend

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का आंकलन बड़ी मुश्किल से होता है संकलन हो गया तो फिर लिसमत आगे का पर्ण दूर हो गया जीवन में स्वर्ग लाया और पावन कर गया।

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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