वादे पे वादा
शनिवार, ३० जून २०१८
कारवाँ चलता गया
समय कटता गया
सम्बन्ध होते गए
हम सब से मिलते गए।
अनजाने में वो मिल गए
वादे पे वादा करते गए
हम अनजाने में प्यार करते गए
बस उसकी ही बाते सुनते गए।
यह क्या हो गया?
सुबह ने भी हमें निराश कर दिया
वो घर छोड़कर कहीं और चले गए
हमें कहने की भी जरुरत को नकार गए
वादा तो छोडो!
कस्मे भी तोड़ो
लेकिन दुश्मन सा व्यहार तो मत करो
इतनी ज्यादती तो अपनों पर कभी ना करो।
कल कोई भी प्यार करते हिचकिचाएगा
किसी के वचन पर विशवास नहीं करेगा
हम तो करके पछता गए
आंसूं को को पोंछते ही रह गए।
ना हम कहेंगे कुछ और नाही सुनेंगे
बस आँखे मुंद लेंगे
प्यार को तोहीन हम नहीं कर सकते
किसी ने उसको नकारा है तो हम तो ऐसा नहीं करेंगे।
हसमुख अमथालाल मेहता
वादा तो छोडो! कस्मे भी तोड़ो लेकिन दुश्मन सा व्यहार तो मत करो इतनी ज्यादती तो अपनों पर कभी ना करो।......touching expression with nice theme. Beautiful poem shared.10
Shubham Dogra Very nice Bahut khoob poetry hai aapki 1 Manage Like · Reply · See Translation · 6m
ना हम कहेंगे कुछ और नाही सुनेंगे बस आँखे मुंद लेंगे प्यार को तोहीन हम नहीं कर सकते किसी ने उसको नकारा है तो हम तो ऐसा नहीं करेंगे। हसमुख अमथालाल मेहता
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welcome dr navin upadhyay