उनके यश की गाथा का
अंदाज लगाना मुश्किल था
उन पद-चिन्हों पर चलना
तय है लगभग नामुमकिन था
जब धूल का फूल खिला था
एक धर्मपुत्र जन्मा था
जब वक्त से आगे हमने
एक आदमी और इंसान को
अपनी आँखों से देखा था
नहीं इत्तेफ़ाक था यह कोई
वह नई मशाल लाया था
जो दाग मिटा दे जग के
जोशीला जवान देखा था
दीवार खड़ी है कभी कभी
लगता था दिल तो पागल है
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