Shiv Chandra Poems

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1.
पर्यावरण

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
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2.
ऑनलाइन बिकने लगे ईमान

आज का यह नया दौर है
सामान ऑनलाइन बेचने की होड़ है
सोचता हूँ अगर ऑनलाइन बिकने लगे ईमान
तो कैसे कैसे रहेंगे दाम
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3.

बेईमानों का राज है भैया, बेईमानों का राज
समझ लो तुम ये आज, समझ लो तुम ये आज

नई नई योजनाये बनती करने नए घोटाले
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4.
जि‍द्दी परिंदा

मेरे दिल के किसी कोने में कहीं जो एक जिद्दी परिंदा है

उम्मीदों से है घायल, और अपनी ही उम्मीद से जिंदा है
 
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5.
Diwali Poems

अंधेरे को धरा से,
मार भगाएं।
रहे जिनकी जिंदगी में,
सदा है अंधेरे।
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6.
एक बेटी की कविता: मां...

तेरी छोटी स‍ी बगिया का,
सबसे सुंदर फूल हूं मां।
भूल ना जाना अर्पण करके,
तेरा ही अक्स हूं मां।
...

7.
Bihar Election News Poems

“मिला वो भी नही करते,
मिला हम भी नही करते.”

“दगा वो भी नही करते,
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