आज का यह नया दौर है
सामान ऑनलाइन बेचने की होड़ है
सोचता हूँ अगर ऑनलाइन बिकने लगे ईमान
तो कैसे कैसे रहेंगे दाम
बाबु तो रखेंगे पांच सौ से हज़ार
अफसरों के होंगे लाख के पार
करोड़ो में बिकेंगे नेताओ के ईमान
तो दस लाख से ऊपर रहेंगे इंजीनियरों के दाम
पुलिस महकमे का अपना ही एक अलग अंदाज दिखेगा
बेगुनाहों को कुछ प्रतिशत की छूट, तो गुनाहगारों को दुगने दाम पर मिलेगा
वकील कोर्ट के अनुसार तय करेंगे
जितना बड़ा कोर्ट दाम उतना ऊँचा रखेंगे
जज रिटायरमेंट के बाद पद की शर्त रखेगा
किसान मजदुर ईमान ना बेचेगा
@@👉शिव चन्द्र झा
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ऑनलाइन बिकवाली में ईमान को भी एक वस्तु बना कर पेश किया गया है. आज इंसान का इतना अवमूल्यन हो चुका है तो ईमान क्यों पीछे रहे. रचना में गहरा कटाक्ष किया गया है. धन्यवाद, शिव चंद्र जी.